☀श्री सीता राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न हनुमान☀

 
☀श्री सीता राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न हनुमान☀
जय राम रमारमनं समनं। भवताप भयाकुल पाहि जनं॥ अवधेस सुरेस रमेस बिभो। सरनागत मागत पाहि प्रभो॥1॥ हे राम! हे रमारमण (लक्ष्मीकांत)! हे जन्म-मरण के संताप का नाश करने वाले! आपकी जय हो, आवागमन के भय से व्याकुल इस सेवक की रक्षा कीजिए। हे अवधपति! हे देवताओं के स्वामी! हे रमापति! हे विभो! मैं शरणागत आपसे यही माँगता हूँ कि हे प्रभो! मेरी रक्षा कीजिए॥1॥ दससीस बिनासन बीस भुजा। कृत दूरि महा महि भूरि रुजा॥ रजनीचर बृंद पतंग रहे। सर पावक तेज प्रचंड दहे॥2॥ हे दस सिर और बीस भुजाओं वाले रावण का विनाश करके पृथ्वी के सब महान्‌ रोगों (कष्टों) को दूर करने वाले श्री रामजी! राक्षस समूह रूपी जो पतंगे थे, वे सब आपके बाण रूपी अग्नि के प्रचण्ड तेज से भस्म हो गए॥2॥ महि मंडल मंडन चारुतरं। धृत सायक चाप निषंग बरं। मद मोह महा ममता रजनी। तम पुंज दिवाकर तेज अनी॥3॥ आप पृथ्वी मंडल के अत्यंत सुंदर आभूषण हैं, आप श्रेष्ठ बाण, धनुष और तरकस धारण किए हुए हैं। महान्‌ मद, मोह और ममता रूपी रात्रि के अंधकार समूह के नाश करने के लिए आप सूर्य के तेजोमय किरण समूह हैं॥3॥ मनजात किरात निपात किए। मृग लोग कुभोग सरेन हिए॥ हति नाथ अनाथनि पाहि हरे। बिषया बन पावँर भूलि परे॥4॥ कामदेव रूपी भील ने मनुष्य रूपी हिरनों के हृदय में कुभोग रूपी बाण मारकर उन्हें गिरा दिया है। हे नाथ! हे (पाप-ताप का हरण करने वाले) हरे ! उसे मारकर विषय रूपी वन में भूल पड़े हुए इन पामर अनाथ जीवों की रक्षा कीजिए॥4॥ बहु रोग बियोगन्हि लोग हए। भवदंघ्रि निरादर के फल ए॥ भव सिंधु अगाध परे नर ते। पद पंकज प्रेम न जे करते॥5॥ लोग बहुत से रोगों और वियोगों (दुःखों) से मारे हुए हैं। ये सब आपके चरणों के निरादर के फल हैं। जो मनुष्य आपके चरणकमलों में प्रेम नहीं करते, वे अथाह भवसागर में पड़े हैं॥5॥ अति दीन मलीन दुखी नितहीं। जिन्ह कें पद पंकज प्रीति नहीं॥ अवलंब भवंत कथा जिन्ह कें। प्रिय संत अनंत सदा तिन्ह कें॥6॥ जिन्हें आपके चरणकमलों में प्रीति नहीं है वे नित्य ही अत्यंत दीन, मलिन (उदास) और दुःखी रहते हैं और जिन्हें आपकी लीला कथा का आधार है, उनको संत और भगवान्‌ सदा प्रिय लगने लगते हैं॥6॥ नहिं राग न लोभ न मान सदा। तिन्ह कें सम बैभव वा बिपदा॥ एहि ते तव सेवक होत मुदा। मुनि त्यागत जोग भरोस सदा॥7॥ उनमें न राग (आसक्ति) है, न लोभ, न मान है, न मद। उनको संपत्ति सुख और विपत्ति (दुःख) समान है। इसी से मुनि लोग योग (साधन) का भरोसा सदा के लिए त्याग देते हैं और प्रसन्नता के साथ आपके सेवक बन जाते हैं॥7॥ करि प्रेम निरंतर नेम लिएँ। पद पंकज सेवत सुद्ध हिएँ॥ सम मानि निरादर आदरही। सब संतु सुखी बिचरंति मही॥8॥ वे प्रेमपूर्वक नियम लेकर निरंतर शुद्ध हृदय से आपके चरणकमलों की सेवा करते रहते हैं और निरादर और आदर को समान मानकर वे सब संत सुखी होकर पृथ्वी पर विचरते हैं॥8॥ मुनि मानस पंकज भृंग भजे। रघुबीर महा रनधीर अजे॥ तव नाम जपामि नमामि हरी। भव रोग महागद मान अरी॥9॥ हे मुनियों के मन रूपी कमल के भ्रमर! हे महान्‌ रणधीर एवं अजेय श्री रघुवीर! मैं आपको भजता हूँ (आपकी शरण ग्रहण करता हूँ) हे हरि! आपका नाम जपता हूँ और आपको नमस्कार करता हूँ। आप जन्म-मरण रूपी रोग की महान्‌ औषध और अभिमान के शत्रु हैं॥9॥ गुन सील कृपा परमायतनं। प्रनमामि निरंतर श्रीरमनं॥ रघुनंद निकंदय द्वंद्वघनं। महिपाल बिलोकय दीन जनं॥ आप गुण, शील और कृपा के परम स्थान हैं। आप लक्ष्मीपति हैं, मैं आपको निरंतर प्रणाम करता हूँ। हे रघुनन्दन! (आप जन्म-मरण, सुख-दुःख, राग-द्वेषादि) द्वंद्व समूहों का नाश कीजिए। हे पृथ्वी का पालन करने वाले राजन्‌। इस दीन जन की ओर भी दृष्टि डालिए॥ बार बार बर मागउँ हरषि देहु श्रीरंग। पद सरोज अनपायनी भगति सदा सतसंग॥ मैं आपसे बार-बार यही वरदान माँगता हूँ कि मुझे आपके चरणकमलों की अचल भक्ति और आपके भक्तों का सत्संग सदा प्राप्त हो। हे लक्ष्मीपते! हर्षित होकर मुझे यही दीजिए॥
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जय सिया राम text
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Comments

yuliette5

yuliette5 says:

2326 days ago
ღღ✿
(\(\     Ƹ̴Ӂ̴Ʒ   ✫¸.•°*”˜˜”*°•.✫     
(=’ :’)           BEAUTIFUL
(,(”)(”)¤         5 ☆☆☆☆☆
              Thank you for comment
1oooVoтeTнαnks

1oooVoтeTнαnks says:

2327 days ago
(¯`•.•´¯)EXCELENTE   
•´ ♥ CREACION!
+5 
 /\.../\   	*stunning!*  
=‘•.•’=	*fantastic!*
.♥**♥	*beautiful!*
annabella100

annabella100 says:

2327 days ago
wowwwww suuuper 5*****
Hidalgo28

Hidalgo28 says:

2327 days ago
 A wonderful creation! ☆ ☆ ☆ ☆ ☆
Thank you for your comments! ♥
All the best! Sincerely, Marcel. ♥ ✻ ♥
Gabryon

Gabryon says:

2328 days ago
ღ..... 5 Stars *****.....ღ
ღ.....ღ..... Wonderful .....ღ.....ღ
ღ.....ღ..... Fantastic .....ღ.....ღ
o*°*o*°*o*°*... Excellent ...o*°*o*°*o*°*
✿*✿*✿*✿ Have a nice day ✿*✿*✿*✿
       ☆☆... Gabriele ...★★
             ´❤️`´❤️`´❤️`´❤️`´❤️`
Hannenuete

Hannenuete says:

2329 days ago
wonderful work, all 5 stars for you
Laureannesophie

Laureannesophie says:

2329 days ago
˛°.˛.*.˛.˛°*☆.°。˛° ☆ 
   _██_ /°\  
˛..(•.•)../°\...Happy New Year
.°(.  •  )./*\. Gesundes Neues Jahr
*(...’•’..)..門...*Bussi♥kiss*
.╬╬╬╬ ╬╬╬╬      
  splendide créa!   ♥bisous♥
mimib06

mimib06 says:

2329 days ago
❀°°°·.°•WONDERFUL!•°.·°°°❀
 ♥•••••••5☆★☆★☆••••••••♥
         good evening..
   ❀°  later good night  °❀ 

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